बीज उपचार का परिचय ,लाभ एवं सावधानियाँ।

            
         परिचय INTRODUCTION

       बीजोपचार को उत्पादन की प्रथम श्रेणी में रखा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। बीज की ऊपरी तथा अंदर की पर्तों में अनदेखी फफूँदी रहती है जो अवसर पाकर दूषित बीज के साथ भूमि में जाकर बीज के अंकुरण को प्रभावित करती है और रोगों की प्रारंभिक अवस्था को सफल बनाती है यदि बीज का उपचार कर दिया जाय तो ये अनदेखी फफूँदों का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा और रोगों की प्रारंभिक अवस्था पर ही रोक लग जायेगी। अनुसंधान के परिणाम सामने हैं जिनसे पता लगता है कि जिस बीज का उपचार किया गया है उसमें अंकुरण संतोषजनक होता है और अच्छी पौध संख्या प्राप्त होती है। सभी जानते हैं कृषक भी मानते हैं कि अच्छा अंकुरण अच्छे उत्पादन का आईना होता है।

                बीजोपचार से लाभ 

 BENEFITS OF SEED TREATMENT

·        अधिक अंकुरण
·        अधिक प्रबल पौधे
·        आरम्भिक रोगों का प्रभावी नियंत्रण

·        स्वस्थ पौधों की संख्या अधिक होती है।

            सावधानियाँ
         
         PRECAUTIONS

१. बीजोपचार हेतु खरीदे गए रसायन की अंतिम तिथि अवश्य देख लें l
२. रोग के अनुसार ही सम्बंधित रसायन का चयन करें
३. रसायन का प्रयोग संस्तुत मात्रा में ही करना चाहिए, कम या अधिक मात्रा में नहीं l
४. बीजोपचार के बाद उपचारित बीज को कभी भी खुली धुप में नहीं सुखाना चाहिए अपितु छायादार स्थान पर ही सुखाना चाहिए l
५. बीजोपचार के बाद उपचारित बीज को ४ घंटे के अंदर बुवाई कर देना चाहिए l
६. बीज शोधन के समय हाथ में दस्ताने तथा चहरे पर साफ कपड़ा बांधना चाहिए बीज शोधन के पश्चात हाथ-पाँव व चहरा साबुन से भली-भांति धोना चाहिए l
      

लेखक आपका मित्र कृषि सेवक 
कृषि सेवा 

Comments

Popular posts from this blog

सुरक्षित अन्न भंडारण कैसे करे...? UPL Quickphos (क्विकफॉस) क्या है इसका इस्तेमाल कैसे करे..?

UPL Saafilizer का कैसे इस्तेमाल करे और क्या है इसके फायदे । और किन किन फसलो में इसका उपयोग कर सकते है।

UPL Vesta (वेस्ता) का कैसे इस्तेमाल करे और क्या है इसके फायदे । और किन किन फसलो में इसका उपयोग कर सकते है।